इनकम टैक्स में छूट से बढ़ेगा रियल इस्टेट कारोबार
नोटबंदी और जीएसटी के चलते रियल इस्टेट कारोबार मंदी की चपेट में है। बने बनाए मकान नहीं बिक रहे हैं। वहीं नये प्रस्तावों पर भी अमल नहीं हो रहा है। ऐसे में रियल इस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों को एक फरवरी को पेश होने वाले बजट से काफी उम्मीदें हैं। वे चाहते हैं कि पहला मकान खरीदने वालों को इनकम टैक्स में छूट मिले।
बिल्डर ज्ञान प्रकाश तिवारी का कहना है कि आयकर में छूट दिये जाने की जरूरत है। पिछली बार 2014 में आयकर अधिनियम की धारा 80 (सी) के तहत प्राप्त छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.5 लाख रुपया किया गया था। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है। नकदी की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होने के कारण रियल इस्टेट सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसे गति देने और विलंबित परियोजनाओं को फिर से शुरू करने के लिए नकदी का होना बहुत जरूरी है। रियल इस्टेट सेक्टर के विकास के लिए बहुत जरूरी है कि बैंक ज्यादा-से-ज्यादा कर्ज दें। नई कंपनी या फैक्टरी लगाने वालों को कॉरपोरेट टैक्स में कमी का फायदा तभी होगा जब भूमि सुधारों को प्रभावी तरह से लागू किया जाएगा। आर्किटेक्ट आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि रियल इस्टेट कारोबार की बेहतरी के लिए टैक्स राहत, सरल लोन प्रक्रिया, जमीनों के मूल्य निर्धारण, मटेरियल के दामों में कटौती जरूरी है। इस कारोबार की बेहतरी के लिए इनकम टैक्स में छूट की सीमा बढ़नी चाहिए। वहीं आर्किटेक्ट अभिनीत का कहना है कि रियल इस्टेट इंडस्ट्री चाहे वह माइक्रो लेवल पर हो या मैक्रो लेवल पर, समाज के हर वर्ग को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है। बीते कुछ वर्षों में निश्चित ही इस इंडस्ट्री में सरकारी नीतियों का प्रभावी रूप से असर पड़ा है। जहां उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी के द्वारा सरकार ने इस सिस्टम में पारदर्शिता लाने की कोशिश की है वहीं जीएसटी दरों में परिवर्तन के कारण इस सेक्टर को बिल्डर्स और मकान की चाहत रखने वालों का रूखापन भी देखना पड़ा है।
बजट के आस
वित्तीय प्रबंधन की नीतियों में लचीलापन व सुधार लाकर इंडस्ट्री को डूबने से बचाया जा सकता है। यह भारत में कृषि के बाद दूसरी सबसे ज्यादा रोजगार पैदा करने वाली इंडस्ट्री है। सरकार इस इंडस्ट्री को डोज देगी तो बेरोजगारी की समस्या भी दूर होगी।
अभिनीत, आर्किटेक्ट
अर्थव्यवस्था के लिए रियल इस्टेट का मजबूत होना जरूरी है। सरकार को एकल आवास के साथ साथ ग्रुप हाउसिंग तथा टाउनशिप के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण इंसेंटिव देना होगा। इनकम टैक्स में छूट मिले और जीएसटी को सरल किया जाना चाहिए।
अशीष श्रीवास्तव, आर्किटेक्ट
पहला मकान खरीदने वालों को इनकम टैक्स में ब्याज में छूट मिलनी चाहिए। जीएसटी में बिल्डर एग्रीमेंट में काफी विसंगति है। जिससे जमीन की कीमत के बराबर टैक्स देना होता है। इस विसंगति को दूर करने की जरूरत है।
शोभित दास, रियल इस्टेट कारोबारी
निर्मित प्रोजेक्ट में मकान नहीं बिक रहे हैं। जिन प्रोजेक्ट को मंजूरी मिल गई है, उसे शुरू करने से बिल्डर बच रहे हैं। रियल इस्टेट कारोबार को बुस्टर डोज मिलेगा तभी बेरोजगारी से निपटने में मदद मिलेगी। जीडीपी में सुधार भी होगा।
अनुपम अग्रवाल, आर्किटेक्ट